Sep 13, 2009

सायद आज हम यह सोचने लगे है की दुनिया सिर्फ़ नए नए फैशन का हो गया है .हमारा सोचना भी बिल्कुल सही है लेकिन सायद हम हमे यह नही भूलना चाहिय की देश मैं अभी भी सभ्यता संस्कृति मौह्जूद है .नारी का जो शौन्द्रय साडी और गहनों मैं अच्छा लगता है सायद वो किसी और परिधान मैं अच्छा नही लगता है .आप बतायिया क्या मैं कुछ ग़लत कह रहा हु आपके अनुसार क्या होना चाहए .................................................

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