Oct 13, 2009

लोग कहते है की अगर आप किसी की मदद करते हो तो कोई न कोई किसी न किसी तरह ,जिंदगी में कभी न कभी आपकी मदद किसी न किसी रूप में कर ही देता है.खैर जो भी हो मैं जहाँ तक सोचता हु तो ये बात मेरे हिसाब से सही है .मेरे निज के साथ तो ऐसा कोई मौका नही आया है पर मैंने लोगो की अपने तरीके से कुछ न कुछ मदद करने की कोशिस की है ,मतलब जहाँ तक मुझे लगा है तो मैं बस कहना चाहता हु की अगर किसी की भी मदद कर सकते तो मेरे तरीके के अनुसार करना चाहिए .मैं यहाँ पर एक और बात करना चाह रहा हु की अगर हम किसी की जरूरत को किसी भी हद तक समझ सकते है और उसे कुछ दूर कर सकते है तो जरूर करना चाहिये .एक घटना का मैं यहाँ विशेष तौर पे जिक्र करना चाहता हु .मैं इस बार होली पे पठानकोट गया था .खैर जिस घटना के बारे में कहना चाह रहा हु वो ये क्या मैं जब वापस आ रहा था तो मैंने जनरल क्लास में यात्रा करने की सोची .भीड़ जबरदस्त थी और किसी तरह बस पैर रखने की थोडी सी जगह थी .मैं ट्रेन में सवार तो हो गया पर मैंने देखा की लोग परेशान है.मैंने अपने साथ कुछ खाने की भी चीज़ ले ली थी .मगर जो मेरे साथ हुआ वो मैं कभी नही भूल पाऊंगा . एक बुढा आदमी कुछ बडबडा रहा था मैंने जानने की कोशिस करने लगा तो मुझे पता लगा की वो तीन दिनों से भूखा था .मुझे लगा की ये भूख से गुस्सा रहा था मैंने उनसे कहा की मेरे पास कुछ है उसने बिना कुछ सोचे अपने कहा बड़ी जोर से भूख लगी है .मेरे पास जो भी था मैंने उन्हें दे दिया वो बस खाने लगा .मैं उसे देखता रहा और बस एक चीज़ मेरे मन में आ रहा था की क्या है दुनिया ?और क्या होती है भूख ?खाने के बाद मैंने देखा की उनके मुख पर एक जो भाव था वो सायद मुझे कुछ न कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया ?मैंने देख लिया की दुनिया में अगर किसी की मदद की जाए तो उसके बाद जो एक शकुन मिलता है वो मैंने उसके बाद समझ लिया ?