Oct 11, 2010

बाबा क्या बोल गए ?

राहुल गाँधी आजकल युवाओं को राजनीती में आने की सलाह देते फिर रहे हैं| वैसे भी जब आदमी को बिना मेहनत का मुकाम हासिल हो जाते हैं तो उसके पास एक ही कम बचता है प्रवचन देना | खैर जो भी हो आप कहेंगे की प्रवचन तो साधू- महात्मा लोग भी देते हैं आप उनके बारे में कुछ क्यूँ नहीं कहते? खैर मेरी मनसा ऐसी कुछ नहीं है, मैं तो राजनीति के नए बाबा राहुल गाँधी की बात कर रहा हूँ | राहुल ने सीख लिया है की लोकप्रियता और जनता की नजरों में कैसे रहा जा सकता है | अभी राहुल को बिहार चुनाव में जाने की फुर्सत नहीं है लेकिन वह देश घुमने में मशगूल हैं | जो भी हो यह उनका मामला है | बिहार में तो युवाओं को पार्टी से जोड़ दिया, अपराधियों को भी बुला लिया, उत्तरप्रदेश में भी ऐसा ही कर रहे हैं | लोग कहते हैं की देश के अगले प्रधानमंत्री वही हैं , जरूर बने आखिर खानदानी जगह है, मम्मी सोनिया तो चूक गयी इनको नहीं चूकना है| ऐसी ही प्रणाली पे काम चाल रहा है| दौरे के इसी क्रम में बाबा मध्यप्रदेश भी आये | एक तरफ उनकी सरकार की राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर किरकिरी हो रही थी तो दूसरी तरफ बाबा देश भ्रमण पर थे, ऐसा होगा देश का प्रधानमंत्री तो क्या होगा देश का , जो जब देश पे लगातार ऊँगली उठ रही हो और वह बेफिक्र हो कर यायावरी करता फिर रहा हो| इसका तो यही मतलब हुआ की ' एक तरफ रोम जल रहा था, दूसरी तरफ नीरो बांसुरी बजा रहा था'| खैर देश के युवराज को जो एक वर्ग तक ही सीमित हैं को इन सब से कुछ लेना देना नहीं है | उनको तो चिंता है की किसी तरह युवा कांग्रेस आगे बढ़ता जाए | युवा कांग्रेस को ही मजबूत करने की खातिर बाबा 4 अक्टूबर को मध्यप्रदेश के तीन दिन के दौरे पे पधारे | युवाओं से बातचीत करी, राजनीति से जुड़ने के न्योता दिया , जैसे कोई बाप अपनी बेटी के शादी के पहले लोगों को देता है | सब कुछ ठीक ही चाल रहा था , लोग बाबा के दर्शन खातिर आ रहे थे , जब किसी को यह आभाष हो जाए की लोग उनके लिए आ रहे हैं तो वह यह तय नहीं कर पता है की क्या बोलें| आखिर किसी भी जुबान है , कभी भी फिसल सकती है | राहुल ने युवाओं से कहा की आपको राजनीत में कोई जगह देने वाला नहीं है , वहां आपको जगह खुद बनानी होगी | अगर देखें तो ठीक ही कह रहे थे राहुल वहां तो सिर्फ बड़े लोगों के सम्बन्धियों की जगह है , उसमे से अगर  बच जाए तो फिर आपका | राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल के छात्र संघ चुनाव का दर्द राहुल में साफ़ नजर आ रहा  था, राहुल को जैसे ही आभाष हुआ की मध्यप्रदेश में भी छात्र संघ का चुनाव हो सकता है आने वाले दिनों में तो पहुँच गए यहाँ | खैर यहाँ भी अगर चुनाव हो जाए तो बाबा की किश्ती भंवर में फँस  सकती है| दूसरी बात बाबा ने कही की आपको बुजुर्ग नेताओं से मिलकर चलना होगा, हाँ लेकिन अगर वह यूथ कांग्रेस के चुनाव में किसी तरह का प्रभाव  डालने का प्रयास करें तो आप उनकी शिकायत करें | यह  जुमला नया आया आखिर हर बार एक ही जुमला कैसे कहें | काश यही बात बिहार , झारखण्ड और उत्तरप्रदेश में भी लागु हो पाती |वहां तो ऐसे लोग चुन कर आये हैं जिनकी दोस्ती बाहुबलियों से जगजाहिर है |  खैर राहुल को लगा की यहाँ के लोगों को इसके बारे में क्या पता? कह दो नई बात ? यहं भी चूक गए बाबा? शायद बाबा को पता चाल गया है  अल्पसंख्यकों को मिला कर रखना होगा , उनकी मीटिंग में पहली बार बाबा ने असलाम आलेकुम से शुरुआत की | खैर वोटरों को तो लुभाना ही होगा | इतना कुछ हो गया और देश में किसी को पता भी नहीं चला | अब जो बात बाबा ने कही वह उन्हें सुर्ख़ियों में लाने के लिए प्रयाप्त थी |  उन्होंने  संघ जैसे संगठन की तुलना राष्ट्रविरोधी सिमी से कर दी |  उन्होंने कहा की संघ और सिमी एक जैसे हैं , आगे कहा की आरएसएस व प्रतिबंधित सिमी दोनों ही हैं कट्टरपंथी विचारधारा के पोषक | यहाँ पे उनकी अज्ञानता साफ़ नजर आयी | शायद उनको इस महान देशसेवी संगठन के बारे में पता नहीं, शायद उन्होंने सोचा होगा उनको मुस्लिमों  का वोट बिहार में आसानी से मिल जायेगा, और वहां तो इस तरह के शब्द कह नहीं सकते तो यही कह लो | लेकिन इस मोर्चे पे भी बाबा की हवा निकल गयी | मैडम को भी चिंता होने लगी की क्या कह दिया बाबा ने | खैर जब छोटा बच्चा पैंट में पेशाब कर देता है तो माँ उसे साफ़ करती है | लेकिन जब बड़ा बच्चा ऐसा काम करे तो वह हंसी का पात्र बन जाता है | खैर राहुल के साथ भी यही हुआ| भोपाल में रविन्द्र भवन से दिया हुआ यह बयान राहुल के किसी काम नहीं आया, इसका दुःख उनको भी है | लेकिन राहुल को एक सलाह मैं भी देना चाहता  हूँ की एक तरफ तो आप जात और पात की राजनीति से उपर उठ कर बात करना चाहते हैं लेकिन दूसरी तरफ वोटों के लिए ऐसी घिनोनी हरकत करते हैं | खैर जो भी हो देश के लोगों से मेरी एक अपील है की ऐसा लोगों को पहले देश के बारे में बताएं फिर प्रधानमंत्री बनायें नहीं तो यह कुछ भी कर सकते हैं | कल को यह भी कह सकते हैं की भारत में ब्रिटिश शासन ही अच्छा है | मुझे एक बात और लगता है की राहुल को अब शादी कर लेनी चाहिए, ताकि उनका दिमाग नियंत्रित रहे | भोपाल जैसे खुबसूरत शहर को दुर्गंधित करने की कोशिश कभी नहीं चलेगी |