May 5, 2013

झारखण्ड में बिछ गयी बिसात

राजनीति में बड़ा दम है। यह किसी की तकदीर तो किसी की तस्वीर बदल सकती है। और भारत जैसे देश में तो आमजन के सीधा जुड़ाव इसे और खास बनाता है। कहते हैं राजनीति पल-पल बदलती है। ऊंट की तरह यह किस करवट बैठेगी यह कहना बड़ा दुरूह कार्य है। हमारे देश में अलग-अलग राज्यों की राजनीति अलग-अलग तरह की है और सबको केंद्र साधता है। पहले यह बात जमती थी लेकिन गंठबंधन के इस दौर में यह कहना पूरी तरह से उचित नहीं है। अब राज्य भी शक्तिशाली हो चुके हैं। छत्रप अपने दम पर नीति बनवाते हैं। तो कहने में कोई संकोच नहीं है की राज्य की अनदेखी करना अब शायद सम्भव नहीं है। आज कुछ राज्य तो इतने आगे बढ़ चुके हैं की देश-दुनिया में उनके नाम का बोलबाला है वहीँ दूसरी ओर कुछ राज्य इस कदर रसातल में जा रहे हैं की उसकी चर्चा भी सोचने को विवश कर देती है। हमारे देश में झारखण्ड भी ऐसा ही राज्य है। खनिजों से भरपूर यह राज्य आज हर दृष्टी से पीछे जा रहा है। पूरा देश यहाँ के कोयले से जगमग हो रहा है लेकिन यहाँ सिर्फ कालिख ही है। टाटा का डंका पूरी दुनिया में बजता है लेकिन झारखण्ड में अब वह भी खुश नहीं है। बिहार से अलगाव के बाद यकीन था की यह राज्य प्रगति पथ पर निर्बाध तरीके से गमन करेगा लेकिन अफसोस के सिवा कुछ नहीं रहा इस यकीन में। आखिर क्यूँ हो गया हाल बेहाल झारखण्ड का। लोग कहते हैं की राजनीतिक अस्थिरता ही इसका सबसे बड़ा कारण है। जब सरकार ही अस्थिर हो तो विकास कहाँ से होगा। जहाँ लूट की खुली छूट हो वहां विकास की गंगा कैसे प्रवाहित होगी। बाबूलाल ने शासन में पारदर्शिता लाने की सोची तो सत्ता से ही निकलना पड़ा। अर्जुन ने निशाना लगाया लेकिन स्थानीय महाभारत में वह निशाना लगाने में चूक गए। गुरूजी ने गुरु की भूमिका निभानी चाही लेकिन गुरु के अर्थ को वह समझने में शायद नाकाम रहे। मुंडा ने फिर से माइंड लगाया लेकिन वक्त बदल चूका था। आज फिर से राज्य चुनाव के मुहाने पर आ खड़ा है। चुनाव होने की संभावना प्रबल है। सबकी राह अलग-अलग है। बाबूलाल अकेले दम ठोक रहे हैं, भगवा खुद ही अपने घर में घिरी हुई है, हाथ के साथ लोग कैसे जाएँ यह लोग समझ नहीं पा रहे हैं, सुदेश सीमित हैं और तीर कमान से छुटेगा की नहीं यह कहना कठिन है। चाहे जो भी हो लेकिन जीत झारखण्ड की हो तो बेहतर है। फिलहाल आदिवासी बाहुल्य इस रत्न खंड में पारा जोरों का है। आगाज़ तो हो गया है अब अंदाज देखना है। चलिए आज से झारखण्ड चैप्टर शुरू हो गया है जो चलते रहेगा। आज इजाजत देनी होगी मुलाकात जल्द होगी।