Oct 1, 2009

हमारी नई सोच

महानंदा एक्सप्रेस में हात्रस में हुआ हमला हमारी इस सोच को उजागर करता है की हम सिर्फ़ अपनी जरूरत के कारन किसी और की जरूरतों ककुच भी धयान नही रखते है .हम शायद इस बात को मानते ही नही है की किसी भी चीज़ को बर्बाद करने से पहले हमें येः सोचना चाहए की वो हमारी निजी नही है .बात अगर निजी की करे तो बस हमें सिर्फ़ अपना घर और उसमे रखे कुछ चंद वास्तु ही नज़र आते है .हम इस चीज़ को कभी नहियो सोचते है की देश की सम्पति भी अपनी है अगर हम ख्याल नही रखेंगे तो कोण रखेगा .खैर यहाँ जो बात है की हम उस बात को बर्दास्त ही नही कर पाते है जो हमको फायदा ने दे .कुछ दिनों पहले बिहार में पटना के पास भी श्रमजीवी एक्सप्रेस में ऐसा ही कुछ हुआ था और पुनजब के जालंधर में भी हुआ था .हम ट्रेन को ही निशाना बना रहे है जो बहुत लोगो के साथ जुड़ी है .हमें इस बात का धयान रखना ही होगी की हम अपने चलते किसी और को परेशानी में न डाले .

आंध्र प्रदेश का मामला

आन्ध्र प्रदेश में उठा बबालअभी तक शांत नही हुआ है .जगन समर्थक ,समर्थक क्या अपने फायदे देखने वाले लोग चाहते है की कुर्सी जगन को दे दी जाए लेकिन कांग्रेस आलाकमान नही चाहती है की किसी ऐसे को कुर्सी दे दी जाए जिसे अभी राजनीत में आए जुम्मा दिन भी नही हुए है .जो मूल रूप से एक व्यापार करने वाला है .जगन के समर्थन में जो नारा लग रहा है और जो आवाज़ लगातार आ रही है वो येः की फिलहाल वहां की राजनीती में कुछ तो गड़बड़ जरूर है .एक तरफ़ तो जगन अपने लोगो को समझाने की कोशिस कर रहे है लेकिन कहीं न कहीं ये बात भी उनके मन में जरूर है की इससे अच्छा मौका फिर नही मिल सकता इसका फायेदा ऊठाया जाए और अभी तो उनकी सुरुआत ही है राजनीत में और इतना अच्छा मौका ?दूसरी तरफ़ कांग्रेस पार्टी लगातार ये कोशिस कर रही है की किसी तरह इस को शांत किया जाए .कांग्रेस के प्रवक्ता लगातार इस बात से बच रहे है की उनका जगन के मानले में क्या कहना है.पार्टी के लोग इसे अंदरूनी मामला कह कर ताल रही है .आख़िर आन्ध्र प्रदेश में लोग ऐसा किस कारन से सोच रहे है तो इसका एक ही उत्तर है की कहीं न कहीं इन लोगो को जगन के मुख्मंत्री बनने से फायदा ही है जो चीज़ रेड्डी के समय में पुरी नही हो सकी वो जगन के समय में ये पुरा कर सकते है लेकिन अगर कोई दूसरा बन गया तो ये सम्भव नही है .हो सकता है की अगर जगन अभी से ही सत्ता संभल ले तो ये लम्बी रेश का घोड़ा हो सकता है और उनकी दाल भी गलती रहेगी वही दूसरी तरफ़ कांग्रेस आलाकमान जगन के राजनीती में ज्यादा अनुभव नही रहने के कारन उससे किनारा कर रही है .