Oct 6, 2009

खर्चे में कटौती

कांग्रेस पार्टी के लोगो को सादगी बरतने का नया आदेश आलाकमान की तरफ़ से आया है .आदेश की अवहेलना भी शुरु में कई लोगो ने की और अपनी आवाज़ उठाई .लेकिन एक बात जो यहाँ क्लेअर है वो ये की वास्तविक में क्या हमारे देश में लोग ऐसा कर पा रहे है तो मैं मानता हु की इस बात को हमें सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी के लोगो से रिलेट कर के नही देखनी चयिए हमें और पहलुओ पर भी बराबर धयान देना चयिए .सबसे बड़ी बात है की क्या सिर्फ़ प्लेन के इकोनोमी क्लास में यात्रा करने या स्टार होटल्स में न रुकने से ही ये बात ख़त्म हो जायेगी या फिर मितव्यता की जो परिभाषा दी जा रही है वो पुरी तरह से लागु हो जायेगी .आज भी हमारे बहुत से नेता इस बात को नही समझ पा रहे है या हो सकता है की वो चाह कर भी अपने आदत को नही छोड़ सकते .एक बात और है जहाँ एक तरफ़ पैसे बचाने की बात हो रही वही दूसरी बात ये है अभी जो हरियाणा चुनाव में जो ४८९ लोगो का सर्वे किया गया तो उसमे से २५१ करोड़पति निकले .इन में से कांग्रेस के ही सबसे ज्यादा ७२ लोग निकले जहाँ एक बात है की एक तरफ़ तो कांग्रेस खर्च में कमी की बात कर रहे है वही दूसरी ओर करोड़पति लोगो को चुनाव में ज्यादा से ज्यादा टिकेट दिया गया है .एक बात में जो मेरे समझ में नही आती वो ये की जब कम खर्च की बात चल रही है तो हमारे सरकारी बाबुओ को एक दिन पैदल चलने को कुअन नही कहा जाता .अगर हम सारेलोग जब तक मिल कर इस बात की जिम्मेदारी नही लेंगे तब तक कुछ नही होगा .सिर्फ़ बात कहने से नही उसके पालन करने से होगी .