Feb 12, 2010

शिवसैनिको की नई नीति ?

मुंबई में आजकल खूब तमाशा हो रह है और हम तमाशा देख रहें है | शिवसेना को एक अच्छा मौका मिला है अपनी धार को फिर से मजबूत करने के लिए | शिवसेना महाराष्ट्र में लगातार अपने गिरते प्रदर्शन से परेशान थी लेकिन अब उसे एक अच्छा मौका मिल गया है |लगातार मिल रहे हार के बाद शिवसेना बौखलाई हुई थी की उसे कुछ नज़र आया और उसने बिना समय गवाएं उसने इस मुद्दे पर अमल करना शुरू कर दिया | शिवसेना का  हमेशा से ही इस विषय पर एक रुख रहा है की जब भी धार कमजोर होने लगे तो कुछ नए मुद्दे को अमल में लाओ | वैसे इस पार्टी में एक चीज़ देखने को मिलता है की ये जिस किसी को भी अपना निशाना बनाते हैं उसे लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचा कर ही दम लेतें हैं | अब देखिये अभी शाहरुख़ खान को अपने देश में प्रचार करने की कोई जरूरत ही नहीं है यहाँ तो शिवसैनिक ही उनकी फिल्म का प्रचार कर रहें हैं | शिवसैनिक लोगों का मानना है की वो किसी खास को बर्बाद कर रहें हैं जबकि वास्तविकता है की वो उन्हें फायदा ही दिला रहें हैं | बाल ठाकरे को फिल्म देखने का बहुत शौक है और वो चाहतें हैं की जो फिल्म उन्हें पसंद आये उसकी मार्केटिंग अच्छे से की जाए ताकि बाद में फायदे में से कुछ उनके हिस्से भी आ जाए | यक़ीनन यह बड़ी ही दुविधा वाली बात है की हमारे देश में एक तरफ तो ऐसे लोग भारत माता का नाम लेतें है वहीं दूसरी तरफ अपने देश के ही लोगों पर हमले करतें हैं | यह ज्यादा कुछ नहीं बस केवल एक सोची समझी राजनीती है जिससे हार किसी को फायदा हो आम जनता को बेवक़ूफ़ बनाने का यह एक बेहतरीन तरीका है | उपर के लोग तो अपना काम कर के निकल जाते हैं और नीचे  वाले वहीं रह जातें हैं जहाँ वो पहले थे |