Jan 15, 2010

किस कारण से हैं शिक्षा का यह हाल ?

भारत में जितने भी सर्वे होते हैं उनके रिजल्ट बड़े ही चौकाने वाले ही होते हैं |गैर सरकारी संगठन प्रथम का गांवो के स्कूलों पर आधारित स्कूली शिक्षा की रिपोर्ट भी कुछ चौकाने वाली ही आई है |प्रथम ने 575  जिलो  के 16  हज़ार गांवो में तीन लाख परिवारों के बीच इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए सर्वेक्षण किया |इस सर्वेक्षण के अनुसार अभी भी देश के ग्रामीण इलाके के स्कूलों में 50 प्रतिशत बच्चे ऐसे है जो अपेक्षित स्तर से तीन कक्षा निचे के स्तर पर है ,मतलब यदि कोई बच्चा 6ठी क्लास में पढ़ रहा है तो उसका स्तर अभी कक्षा तीन के लायक है |एक बात अगर कहें तो यह बड़ा ही चौकाने वाला है जहाँ इतनी बड़ी- बड़ी बात कही जा रही है शिक्षा को सुधरने के लिए वहां शुरूआती स्तर पर यह हाल है |देश के शिक्षा मंत्री को शायद अभी भी गांवो के बारे में पता नहीं है इसका प्रमाण तो इस को देखने के बाद स्पष्ट है |सिर्फ उच्च स्तर पर शिक्षा को सुधारने से ही काम नहीं चलेगा सबसे पहले तो निचले  स्तर पर ध्यान  देना होगा|अगर शुरुआत में ही बच्चे कमजोर होंगे तो फिर आगे जा कर वो कैसे अपने आप को दुरुस्त करेंगे |अभी भी हमारे देश में सरकारी स्कूलों  में बहुत ऐसे शिक्षक मिल जायेंगे जिनको कुछ नहीं आता है ,लेकिन वे अपने पद पर बने हुए है |एक बात और आई है की गणित में 36  प्रतिशत बच्चे ही गुना भाग हल कर पाते है ,इसका सीधा मतलब है गणित में अच्छे शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं |वैसे भी शिक्षको को करना क्या है स्कूल में जा कर हाजरी बना देनी है काम ख़त्म |आज बहुत ही कम ऐसे शिक्षक रह गए है जो की सरकारी विद्यालयों में सही से पढ़ाते हैं |शिक्षक तो अपने बच्चे को किसी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते  हैं और ज्यादातर का सोचना है की सरकारी स्कूलों में तो निचले  तबके के लोगो के बच्चे ही पढने  आते है |शिक्षक को कभी भगवान् माना जाता था लेकिन आज यही लोग बच्चो के भविष्य के साथ खेल रहे हैं |आज बच्चे सरकारी स्कूलों में सिर्फ मध्यान भोजन और अन्य कुछ जो चीज़े मिल रही है उसी के वास्ते जाते है | आखिर ऐसा  किस कारण से हो  रहा हैं कभी ज्यादातर बच्चे सरकारी स्कूलों में ही पढ़ते थे |सरकार को इसकेलिए एक ठोस कदम उठाने की जरूरत है |अगर मेरी एक सलाह की बात करें तो मेरा मानना  है की सरकार को यह लागू करनी चाहिए  की " सभी बच्चे प्राथमिक शिक्षा के लिए सरकारी स्कूल को ही जाएँ "|इसका सबसे बड़ा फायदा होगा की शिक्षको को भी लगेगा की उनको अब हर तरह के बच्चो को पढ़ाना है जिसमे उनके बच्चे भी शामिल है |समाज में ज्यादा लोगो की भागीदारी सरकारी स्कूलों की तरफ होगी |सरकारी स्कूलों की सिर्फ गांवो में ही नहीं शहरों में भी हालत खस्त्हाल है |ध्यान दोनों तरफ देना होगा ताकि शिक्षा की स्थिति सुधर सके |समाज में अगर शिक्षा के मामले में भी  दो तरह की स्थिति   हो तो यह एक बड़ी ही दुखद  बात है |कहीं ऐसा न हो की आने वाले दिनों में शिक्षा को लेकर एक तरह से समाज दो फांक हो जाये इसके लिए अभी से कुछ ठोस कदम उठाने की सख्त जरूरत है | शिक्षा को सिर्फ बड़े स्तर पर ही नहीं बल्कि छोटे स्तर पर ही सुधारना होगा |देश को अगर आगे ले जाना  है तो इस असमानता को  हम सभी को मिल कर हल करना होगा |जब तक हम कुछ ठोस कदम नहीं उठाएंगे कुछ भी सही नहीं हो सकता है |मेरी एक बात और है की हमारे शिक्षा मंत्री साहेब कभी किसी गांवो के स्कूलों में जाकर स्थिति को जरूर देखें ,अगर वो ऐसा करते है तो सुधर अवश्य ही होगा |