Sep 30, 2009

हरियाणा चुनाव और हुड्डा

हरियाणा में चुनावी बिगुल तो बज ही चुका है सेज भी सजने की राह देख रहा है अब हर किसी को इन्तिज़ार है १३ अक्टूबर की जिस दिन मत डाले जायेंगे और फिर दिवाली बाद २२ अक्टूबर की जिस दिन मतगणना होगी .आख़िर हरियाणा चुनाव में है क्या जो सभी चर्चा कर रहे है .येः चुनाव अपने आप में महत्पूर्ण है जहाँ एक तरफ़ टिकेट बटवारे में हुड्डा ने पहली बाज़ी मर ली है वही लगता है की आखिरी भी वही मारेंगे.हुड्डा ने आसानी से तो नही लेकिन टिकेट बटवारे में अपनी धक् दिखा दी है .दूसरी तरफ़ और दलों ने टिकेट तो पहेले बाट दिया लेकिन कुछ सीटो पर इस बातपर धयान लगाये रखा की कब कांग्रेस का कोई नेता जिसे कांग्रेस ने टिकेट नही दिया है उसे वो टिकेट दे लेकिन उनकी येः योजना भी धरी रह गई .बीजेपी तो वहां दिन प्रतिदिन कमजोर हो रही है इनलोद और हजका का भी हाल कुछ खास नही है .ओमप्रकाश चौटाला को जाट मतदाताओ पर ही पकड़ नही है तो कुलदीप बिश्नोई भी कुछ खास नही कर प् रहे है और लोकसभा के पिछले चुनाव ने तो येः दिखा ही दिया है की हुड्डा की राजनीती ने हरियाणा में कही न कही अपने पर जमा लिए है .हुड्डा तो यहाँ तक निशिंत दिख रहे है जैसे की कुछ हुआ ही नही है और वे दुबारा जितने वाले है .खैर जो भी हो येः चुनाव हुड्डा और दुसरे खास कर के चौटाला के लिया नाक की बात है .अब देखना है की किसकी नाक बचती है और किसकी कटती है .एक बात तो साफ़ है की अगर हुड्डा चुनाव में बहुमत हासिल कर लेते है तो निश्चित तौर पर वे हरियाणा के नए छत्रप हो जायेंगे और चौटाला और कुलदीप की कही न कही एक दुखद विदाई होगी .

3 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सही लिखा अपने.

रामराम

Chandan Kumar Jha said...

बहुत हीं बढ़िया लिखा है आपने ।

please remove word verification then it will be easy to comment. Thanks


गुलमोहर का फूल

Jayram Viplav said...

nice to see u here ..........keep bloging