Jul 11, 2010
महिला आरक्षण पर फिर होगा तमाशा
आज खबर आयी है की महिला आरक्षण का आखिर क्या होगा | बात भी सही है अब संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है तो बात उठनी लाजमी है | शरद यादव का कहना है की 90 प्रतिशत सांसद इस बिल के खिलाफ में हैं | लेकिन मजबूर हैं | बात भी सही है कौन अपने पैर पे कुल्हाड़ी मारना चाहेगा | नेताओ का विरोध तो उसी समय झलक गया था जब लोकसभा में कोई भी आगे नहीं आया | भुझे मन से तो आगे दिखा लेकिन सूरत सब कुछ बयां कर रही थी की माजरा क्या है | अगर इमानदारी से देखा जाए तो ये सही है भी नहीं | आखिर क्या पैमाना है इसका कोई अगर एक बार चुनाव जीत जायेगा तो फिर वो काम किस आधार पे करेगा जब उसे इस चीज़ के बारे में पाता रहेगा की आगे से सीट आरक्षित होने वाली है | यह तो एकदम से देश की स्थिति को बर्बाद करने वाला लग रहा है | मैं इस बात का विरोधी नहीं हूँ की आरक्षण नहीं मिलना चाहिए लेकिन सब कुछ देककर ही मिलना चाहिए इस बात का हिमायती हूँ | अगर मेरी एक बात जो मैं सोचता हूँ यह तो ख़त्म ही कर देना चाहिए फिलहाल राजनीती गर्म हो रही है नया सत्र आने वाला है | यह तो तय है की इस बार सत्र में फिर इस बिल पर जोरदार तमाशा होने वाला है और तमाशबीन बैठे हैं इसका नज़ारा लेने | राजनीत को तमाशा बनाने वाले भी खुश ही रहेंगे इसको देखने के बाद |
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment