Nov 15, 2010

सुदर्शन वाणी?

बयान और भारतीय राजनीति दोनों का चोली-दामन का साथ है| समय-समय पर राजनेता बयान देते रहते हैं, कभी उनका बयान सुर्ख़ियों में आ जाता है तो कभी गुमनामी के अँधेरे में गायब हो जाता है| वैसे भी अगर राजनीतिज्ञ बयान नहीं देंगे तो कौन देगा| अगर बयानों के ताजा श्रृंखला की बात करें तो आरएसएस के पूर्व प्रमुख के एस सुदर्शन के बयान ने देश में हलचल मचा दी है| अजमेर बम धमाके में इन्द्रेश कुमार के लिप्त होने की बात को लेकर देश भर में आरएसएस के लोगों ने धरना दिया था| भोपाल में लिली सिनेमाघर के पास इस धरने में सुदर्शन भी शामिल थे| यही वह भोपाल है जहाँ कुछ दिनों पहले राहुल गाँधी ने इस संगठन की तुलना सिमी से की थी| आखिर जिस जमीन पे राहुल ने आरएसएस की तुलना सिमी से कर दी उस धरती पे कुछ न कुछ तो होना ही था| राहुल के इस बयान के बाद से ही संघ में उबाल था, लेकिन आरएसएस के लोग  राहुल की बात का कोई माकूल जवाब नहीं दे पा रहे थे| आखिर कोई खुलेआम किसी संस्था की साख पर बट्टा लगा रहा है और उसके लोग सिर्फ तमाशा देख रहे हों यह कैसे हो सकता है |  सुदर्शन को राहुल की यह बात अच्छी नहीं लगी, वे समय का इन्तजार करने लगे की कब राहुल को जवाब दिया जाए| और यह समय मिला उन्हें और उन्होंने उसका भरपूर फायदा उठाया| उनके भीतर की ज्वाला भड़क उठी और उन्होंने कह दिया जो कहना था| सुदर्शन ने राहुल पर नहीं उनकी माँ और कांग्रेस की प्रमुख सोनिया गाँधी को निशाना बनाया| सुदर्शन यह सोचते हैं की राहुल जो कुछ कहते हैं वह सोनिया की सलाह होती है ,तो चलो उसी पर निशाना साधो|| सुदर्शन ने सोनिया को अमेरिकी खुफिया संगठन सीआइए का एजेंट कह दिया| सुदर्शन इतने पे ही नहीं रुके उन्होंने राजीव और इंदिरा गाँधी के हत्या में भी सोनिया के शामिल होने की बात कह दी| अगर देश की सबसे बड़ी पार्टी के सर्वेसर्वा के खिलाफ कोई इस तरह की बात कहता है तो उनके चाहने वालों में गुस्सा तो अवश्य  ही होगा| और हुआ भी ऐसा ही, लोगों ने सुदर्शन के खिलाफ लामबंदी शुरू कर दी  |सुदर्शन हर तरह से गलत साबित हो रहे हैं| पूरे देश में उनके खिलाफ धरना और प्रदर्शन हो रहा है| उनपर मुक़दमे की भी बात हो चूकि है| आखिर सुदर्शन ने देश की सबसे ताकतवर महिला के खिलाफ गलत शब्दों का प्रयोग किया है और वह भी बिना किसी प्रमाण के| अगर सुदर्शन प्रमाण के आधार पर ऐसा कहते तो बात कुछ होती, लेकिन आपसी प्रतिशोध में उन्होंने ऐसा कह दिया| उन्हें भरोसा था की बीजेपी और संघ उनके साथ आएगा, लेकिन दोनों ने किनारा कर लिया| खैर बात ही ऐसी है जो हर कोई किनारा करेगा| सुदर्शन ने अपने को प्रचारित करने के चक्कर में फिर से एक ऐसा बयान दे दिया है जो उनके उपर खुद आफत बन गया है| लेकिन मुंह से निकली बात को लौटाया नहीं जा सकता| ऐसा कोई पहली बार नहीं है जब सुदर्शन ने ऐसा कुछ कहा है वो पहले भी ऐसा कह चुके  हैं| उन्होंने तो यह भी कहा था की महात्मा गाँधी को गोली गोडसे ने नहीं किसी और ने मारी थी, लेकिन वहां भी उनके पास प्रमाण की कमी दिखी| मुझे लगता है की सुदर्शन उम्र के साथ नाबोध बालक जैसे हो रहे  हैं जिसे यह ही पता नहीं रहता की क्या कहना है? खैर जो भी हो लेकिन सुदर्शन का अपने को सुर्ख़ियों में लाने का प्रयास विफल हो गया है?  सही कहते हैं न जब विपत्ति में होते हैं तो कोई साथ नहीं देता ऐसा ही कुछ सुदर्शन के साथ भी हो रहा है|  खैर जो भी हो लेकिन यह तो कहा ही जा सकता है की सुदर्शन का चक्र इस बार नहीं चल सका, वह धरासायी हो गया?

1 comment:

Unknown said...

हमेशा की तरह आपने बेवाक तरीके से अपनी बात कही है , माशा अल्लाह बढ़िया लिख रहे हैं उम्दा